भारत में कोविड के नए वेरिएंट फ़्लर्ट(FLiRT), जानें क्या हैं लक्षण और कितने गंभीर

कोविड के FLiRT वेरिएंट के मामले जो वर्तमान में अमेरिका में तेजी से फैल रहे हैं, भारत में भी दर्ज किए गए हैं. इस बार एक नहीं, बल्कि एक समूह के कोविड वेरिएंट की चर्चा हो रही है. महाराष्ट्र में रिपोर्ट्स के मुताबिक नए कोविड-19, ओमिक्रॉन सबवेरिएंट KP.2 के लगभग 91 मामले दर्ज किए गए हैं. ऐसे मामलों की पहचान जनवरी में की गई थी और अप्रैल तक ठाणे,, पुणे, सोलापुर, नासिक, अमरावती, सांगलियोन अहमदनगर, लातूर और औरंगाबाद में मामलों की पहचान की गई है.
इस बार कोविड के नए वेरिएंट सामने आए हैं और इस बार चिंता का विषय ये है कि यह कोई एक म्यूटेंट नहीं है, बल्कि यह म्यूटेंट का एक समूह है, जिसे सामूहिक रूप से FLiRT नाम दिया गया है. वर्तमान में वे संयुक्त राज्य अमेरिका में KP.2 और KP.1.1 वेरिएंट एक चौथाई COVID मामलों के लिए जिम्मेदार हैं. उनके म्यूटेशन से प्राप्त अक्षरों के आधार पर उन्हें FLiRT नाम दिया गया है. आपको बता दें कि FLiRT वेरिएंट JN.1 के प्रत्यक्ष वंशज हैं. वेटरन्स अफेयर्स सेंट लुइस हेल्थकेयर सिस्टम के अनुसंधान और विकास प्रमुख डॉ. ज़ियाद अल-अली के अनुसार यूएस सीडीसी रिकॉर्ड के अनुसार, जहां वैरिएंट वर्तमान में प्रचलन में है, आपातकालीन विभाग के और अस्पताल में भर्ती के मामलों की शुरुआत मार्च में हुई और अप्रैल के अंत के बीच इसमें गिरावट आई. हालाँकि, जो वेरिएंट मार्च तक केवल 1 प्रतिशत मामलों का प्रतिनिधित्व कर रहे थे, अब एक चौथाई से अधिक मामलों के लिए जिम्मेदार हैं.
KP.2 तेजी से प्रसारित हो रहा है, जबकि अन्य FLiRT वैरिएंट, KP.1.1 वैरिएंट अभी तक व्यापक नहीं है. कहा जाता है कि KP.2 प्रतिरक्षा से बचने में काफी बेहतर है और JN.1 वैरिएंट की तुलना में थोड़ा अधिक संक्रामक है. KP.2 उन लोगों को भी संक्रमित कर सकता है, जिन्हें सबसे अपडेटेड वैक्सीन मिली है. शोधकर्ताओं द्वारा किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि केपी.2 में उन लोगों को संक्रमित करने की जेएन.1 की तुलना में अधिक क्षमता है, जिन्हें सबसे हालिया कोविड वैक्सीन मिली है.
FLiRT वेरिएंट के लक्षणों की बात करें तो इसके लक्षण JN.1 के समान हैं. व्यक्तियों को खांसी, नाक बहना, गले में खराश, कंजेशन, सिर और शरीर में दर्द, बुखार, थकान और गंभीर मामलों में सांस लेने में तकलीफ जैसे लक्षण दिखाई देते हैं. इन लक्षणों से सावधान रहना चाहिए. कईं व्यक्तियों में दस्त, मतली और उल्टी जैसे लक्षण भी देखने को मिल सकते हैं.