प्रीबायोटिक्स हर बच्चे के लिए महत्वपूर्ण

मानव शरीर की सरंचना बडी ही जटिल है। हमारे शरीर में बहुत सारे सूक्ष्मजीवी (Micro-organisms) रहते हैं। विज्ञान के अनुसार शरीर में ऊतक-कोशिकाओं (Tissue Cells) की तुलना में दस गुना अधिक सूक्ष्मजीवी होते हैं। इसके अलावा अनेक तरह के बैक्टीरिया (Bacteria) भी हमारे शरीर में छुपे होते हैं, जो पाचन तंत्र (Digestive System) को मजबूत बनाते हैं और हमें स्वस्थ रखते हैं। ये छोटे बच्चों के लिए ज्यादा महत्वपूर्ण होते हैं, क्योंकि उनकी रोग-प्रतिरोधक क्षमता (Immunity Power) काफी कम होती है। इसके लिए बच्चों को दिया जाने वाला भोजन काफी अहम होता है। शिशुओं के लिए माँ का दूध सर्वोत्तम होता है। इसमें मौजूद घटक जैसे ओलिगोसाकेराइड्स (Oligosaccharides) उनकी रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढाते हैं। इसे प्रीबायोटिक्स (Prebiotics) के नाम से भी जाना जाता है। यह एक तरह का फाइबर (Fibre) होता है। इसकी बहुलता फल-सब्जी, दाल तथा अनाज में ज्यादा होता है। यह प्याज, लहसुन, कासनी, केले तथा लीकेज आदि में आसानी से मिल जाता है। गाय और भैंस के दूध में प्रीबायोटिक ओलिगोसेकेराइड नहीं होते हैं, ये सिर्फ माँ के दूध में पाए जाते हैं। शिशुओं (Infants) से लेकर बडों (Adults) तक, यानि हर उम्र के व्यक्ति के लिए  प्रीबायोटिक्स का सेवन बहुत जरुरी है। सभी के लिए एक स्वस्थ पाचन तंत्र का होना अति आवश्यक है। नवजात शिशुओं के लिए यह माँ के दूध में उपलब्ध होता है तथा बडों को यह प्याज, लहसुन और केले में आसानी से मिल जाता है। चिकित्सकों ने शिशुओं के स्वास्थ्य के लिए ओलिगोसेकेराइड को एक अच्छा स्त्रोत माना है। उन्होंने माँ के दूध के अलावा कुछ अन्य विकल्प भी तैयार किए हैं। गैलेक्टो-ऑलिगोसेकेराइड्स Galacto-oligosaccharides (GOS), फ्रुक्टो-ऑलिगोसेकेराइड्स Fructo-oligosaccharides (FOS), पॉलीडेक्स्ट्रोस (Polydextrose), इनुलिन (Inulin) और उनके मिश्रण को प्रीबायोटिक्स के तौर पर विकसित किया है। जब शिशुओं को पर्याप्त प्रीबायोटिक्स नहीं मिल पाता तो वे शीघ्र बीमार होने लगते हैं। प्रीबायोटिक्स का कोई दुष्प्रभाव नहीं होता और उन्हें शिशुओं के लिए सुरक्षित माना जाता है। प्रीबायोटिक्स का सेवन इस बात को चरित्रार्थ करता है कि “रोकथाम इलाज से बेहतर है” (Prevention is better than Cure)। हर शिशु का यह अधिकार है कि उसे संपूर्ण पोषण मिले, तभी तो यह कहलाएगा “स्वस्थ बच्चा, खुशहाल बच्चा” (Healthy child, Happier child)।