अखिल भारतीय हिंदू महासभा ने विश्व हिंदू परिषद और इसकी सहयोगी इकाईयों पर राम मंदिर के लिए मिले चंदे को हड़पने का आरोप लगाया है। खबरों के अनुसार महासभा ने कहा है कि अयोधया में राम मंदिर के निर्माण के लिए पूरे विश्व से चंदे आए थे, जिसमें 1,400 करोड़ रुपए नकद और कईं कुंतल सोने की ईंटे शामिल की गई थी।
जिसे विश्व हिंदू परिषद और उसके सहयोगी इकाईयों ने हड़प लिया है। लेकिन हिंदू महासभा के इस आरोप का विहिप ने खंडन किया है। वहीं विहिप का दावा है कि सारा पैसा पत्थरों की नक्काशी पर खर्च हो गया। पाण्डेय ने विहिप पर आरोप लगाया है कि राम मंदिर के निर्माण के लिए चंदे से इक्ट्ठे से किए पैसे और सोने की ईंटो में भारी हेर फेर हुआ है।
जिसके संबंध में महासभा की ओर से पांडेय ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, संघ प्रमुख मोहन भागवत, विहिप के अध्यक्ष अशोक सिंघल को पत्र लिखा है। सिंघल ने देवेन्द्र पाण्डेय के पत्र का जवाब बीते 6 जुलाई को दिया है जिसमें उन्होंने हिंदू महासभा के आरोपो को बेकार बताया है। सिंघल ने पत्र में बताया है कि 1989 में चंदे से केवल 8.25 करोड़ रुपए ही जुटाए गए थे, जो मंदिर निर्माण के लिए प्रयोग किए जाने वाले पत्थरों की नक्काशी पर खर्च हो गए।
सिंघल ने ये भी बताया है कि जब चंदे से इकट्ठा किए गए धन खत्म हो गए तब पांच साल तक के लिए काम रोक दिया गया था।