शिवसेना ने कहा कि ऐसी ही एक घटना बालासाहब ठाकरे के शासनकाल में हुई थी, तब बीजेपी ने उनके मंत्रियों के पक्ष में सबूतों की मांग रखी थी। बालासाहब ठाकरे ने अपने मंत्रियों को विशेष तौर पर कहा था कि उन्हें पद पर तभी बहाल किया जाएगा जब वो जांच में पूरी तरह से निर्दोष साबित हो जाएंगे। आज भी स्थिति बिलकुल वैसी ही है तो फिर बीजेपी जांच से क्यों डर रही है?’ गलत तरीके से टेंडर कॉन्ट्रैक्ट बांटे जाने को लेकर महाराष्ट्र में बीजेपी को विपक्ष ने तो घेर ही रखा है, सहयोगी पार्टी शिवसेना ने भी अब उसके खिलाफ झंडा बुलंद कर दिया है। मंगलवार को शिवसेना ने इन मामलों में फंसे फडणवीस सरकार के दोनों मंत्रियों से इस्तीफे की मांग कर दी।
गौरतलब है कि चिक्की घोटाले में पंकजा मुंडे का नाम सामने आने के बाद अब राज्य के शिक्षा मंत्री विनोद तावड़े पर 191 करोड़ रुपये के अग्निशमन उपकरणों की खरीद मामले में गलत तरीके से ठेका देने का आरोप है। हालांकि तावड़े का कहना है कि ठेकेदार को एक रुपये का भी भुगतान नहीं किया गया है, और वित्त विभाग के ऐतराज के बाद तुरंत ही ऑर्डर रोक दिए गए थे।