दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को कांग्रेस के पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम को यह कहकर आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में जमानत देने से मना कर दिया कि गवाहों को प्रभावित करने की आशंका को खारिज नहीं किया जा सकता। न्यायमूर्ति सुरेश कैत ने कांग्रेस नेता को जमानत देने से इंकार करते हुए कहा कि वह गृह मंत्री और वित्त मंत्री जैसे महत्वपूर्ण पद पर रह चुके है तथा वर्तमान में संसद के सदस्य हैं और लंबे समय से वकील भी हैं। चिदंबरम सीबीआई द्वारा 21 अगस्त को गिरफ्तार किए जाने के बाद से हिरासत में हैं तथा उनकी जमानत याचिका पर आदेश सुनाते हुए अदालत ने यह भी कहा कि सीबीआई की जांच अग्रिम चरण में है।