
भारत की शीर्ष अदालत ने भ्रष्टाचार के एक मामले में गिरफ्तार होने के एक महीने से अधिक समय बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत दे दी है. अदालत ने कहा कि जमानत 1 जून तक लागू है जिसके बाद अरविंद केजरीवाल को फिर से अधिकारियों के सामने आत्मसमर्पण करना होगा. अरविंद केजरीवाल को मार्च में शराब बिक्री नीति के संबंध में गिरफ्तार किया गया था. हलांकि उन्होंने अपने ऊपर लगे आरोपों से इनकार किया है और अपनी गिरफ़्तारी को “अवैध” बताया है. पिछले महीने दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा उन्हें जमानत देने से इनकार करने के बाद मुख्यमंत्री ने उच्चतम न्यायालय में याचिका दी थी. हालांकि वित्तीय अपराध एजेंसी, प्रवर्तन निदेशालय(ED) द्वारा अदालत में उनकी जमानत का कड़ा विरोध किया गया. शुक्रवार को न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने कहा कि अरविंद केजरीवाल को भारत के आम चुनाव के नतीजे आने से दो दिन पहले 2 जून को आत्मसमर्पण करना होगा.उधर पार्टी कार्यालय में एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में आप नेता व दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत मिलने को हनुमान जी का आशीर्वाद बताया. सौरभ भारद्वाज ने कहा कि अरविंद केजरीवाल को 40 दिन बाद अंतरिम जमानत मिलना किसी चमत्कार से कम नहीं है. उन्होनें ये भी कहा कि यह दैवीय संकेत भी है कि देश में मौजूदा हालात बदलने वाले हैं. उनकी रिहाई से देश बड़े बदलावों का मार्ग प्रशस्त होगा. आम आदमी पार्टी की दिल्ली इकाई के संयोजक गोपाल राय ने कहा कि देश में लोकतंत्र से प्यार करने वाले सभी लोग शीर्ष अदालत के फैसले से बहुत खुश हैं और यह उनके लिए आशा की किरण है.
उधर केजरीवाल को अंतरिम जमानत मिलने के बाद भाजपा सांसद मनोज तिवारी की बड़ी प्रतिक्रिया सामने आई है. मनोज तिवारी (Manoj Tiwari) ने कहा कि मुख्यमंत्री केजरीवाल की अंतरिम जमानत पर सुप्रीम कोर्ट का निर्णय उनकी दुर्दशा और उनके चेहरे पर घोटाले के दाग को स्पष्ट चित्रित करता है. उनको कुछ दिनों के लिए सशर्त छोड़ा गया है और शर्त है कि ना तो वह मुख्यमंत्री कार्यालय जा सकते हैं, ना सचिवालय जा सकते हैं और ना ही भ्रष्टाचार के इस केस की जांच कर रहे अधिकारियों से बात कर सकते हैं. मनोज तिवारी ने कहा कि अरविंद केजरीवाल भ्रष्टाचारी हैं, अरविंद केजरीवाल 50 हजार रुपये के निजी मुचलके पर लगभग 17 दिन के लिए जेल से बाहर आए हैं. जमानत की शर्तों से यह साफ है कि कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल के चेहरे पर कालिख लगाकर उन्हें भेजा है, क्योंकि वह पहले ही अपनी विश्वसनीयता खो चुके हैं और अब उन पर ये मुहर भी लग चुकी है कि भ्रष्टाचार बहुत बड़ा है. उनको सशर्त कुछ दिनों के लिए छोड़ा गया है कि वह जाकर चुनाव प्रचार कर सकें. उन्होंने कहा कि हम यह सोच रहे हैं कि सीएम केजरीवाल अब जनता को क्या मुंह दिखाएंगे, क्योंकि कुछ दिनों के लिए बेल तो मिली, मगर शर्त के साथ उन्हें कहा गया है कि जाओ प्रचार कर लो, लेकिन चेहरे पर एक ऐसी कालिख है, जिसके बाद जनता को और भी विश्वास हो जाएगा कि हम जिस केजरीवाल को जानते थे, वह कट्टर भ्रष्टाचारी निकले, जिनको वापस 2 जून को तिहाड़ जेल जाना पड़ेगा.