
बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत (Kangana Ranaut) अपने बेबाक बयानों की वजह से, हमेशा से सुर्खियों में रही हैं। उन पर ट्विटर हैंडल द्वारा सांप्रदायिक नफरत फैलाने का आरोप भी लग चुका है। इसी संबंध में कंगना का ट्विटर अकाउंट (Twitter account) बंद करने की भी मांग की गई थी, जिस पर अब बॉम्बे हाई कोर्ट ने अपनी राय पेश करते हुए कंगना के लिए एक राहत भरी खबर सुनाई है।
दरअसल इस मामले पर सुनवाई करते हुए बॉम्बे हाई कोर्ट ने 21 दिसंबर को अपनी बात रखी। कोर्ट ने कहा- कंगना को अपने विचार व्यक्त करने का मौलिक अधिकार प्राप्त है। कोर्ट ने याचिकाकर्ता से भी यह पूछा कि क्या वह साबित कर सकते हैं कि कंगना के ट्वीट से उनके मौलिक अधिकारों की क्षति हुई है। इस पर याचिकाकर्ता ने कहा कि उन्हें मानसिक क्षति हुई है। कंगना के खिलाफ पहले ही कई मामले दर्ज किए जा चुके हैं। उन्होंने याचिका में उल्लेख किया कि कंगना ने अदालत के लिए ‘पप्पू सेना’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया था, जिससे उनकी भावनाओं को ठेस पहुंची। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कंगना का ट्वीट दो समुदायों के बीच दुश्मनी और नफरत फैला रहा था और देश की अखंडता को नुकसान पहुंचा रहा था।
इस याचिका पर सुनवाई तो हुई, लेकिन कोई निपटारा नहीं किया गया। बॉम्बे हाई कोर्ट ने वकील अली काशिफ खान देशमुख से कहा कि वह नए सिरे से इस पर बहस करें। अब अगली सुनवाई 7 जनवरी को होगी।