जेएनयू छात्रों के समर्थन में आये हुर्रियत नेता

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कन्हैया को संसद हमले के दोषी अफजल गुरू की फांसी के खिलाफ परिसर में कार्यक्रम आयोजित करने के मामले में देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया है.हुर्रियत के नरमपंथी धड़े के अध्यक्ष मीरवाइज उमर फारूक ने कहा, ‘‘जेएनयू के छात्र के खिलाफ पुलिस कार्रवाई अलोकतांत्रिक है.हुर्रियत के कट्टरपंथी धड़े के अध्यक्ष सैयद अली शाह गिलानी ने एक अलग बयान में कन्हैया की गिरफ्तारी और छात्रों तथा प्रोफेसर एसएआर गिलानी के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज किए जाने की निन्दा की.

इससे पहले कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि मोदी सरकार जेएनयू जैसे संस्थान पर अपनी धौंस जमा रही है जो पूरी तरह से निंदनीय है. हालांकि, उन्होंने कहा कि भारत विरोधी भावना को स्वीकार करने का कोई सवाल ही नहीं है.उन्होंने कहा कि मोदी सरकार और एबीवीपी जेएनयू जैसे संस्थान पर सिर्फ इसलिए धौंस जमा रहे हैं कि यह उनके अनुसार नहीं चल रहा. यह पूरी तरह से निंदनीय है.

कांग्रेस उपाध्यक्ष ने ट्वीट किया, ‘‘भारत विरोधी भावना स्वीकार्य होने का कोई सवाल ही नहीं है जबकि असहमति और चर्चा का अधिकार लोकतंत्र का आवश्यक तत्व है.’’जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार को देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किए जाने के कुछ घंटे बाद राहुल की टिप्पणी आई.संसद हमले के दोषी अफजल गुरू की फांसी के खिलाफ विश्वविद्यालय परिसर में एक कार्यक्रम को लेकर कुमार पर यह आरोप लगाया गया है.

कुमार की गिरफ्तारी से छात्रों में व्यापक रोष छा गया और गैर भाजपा पार्टियों ने इसकी आलोचना की जिन्होंने इसे ‘आपातकाल जैसी’ स्थिति बताया.कुमार को शुक्रवार को गिरफ्तार किया गया और एक स्थानीय अदालत ने उसे तीन दिनों की पुलिस हिरासत में भेज दिया.इससे पहले दिन में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और राजनाथ सिंह ने कथित तौर पर भारत विरोधी गतिविधि में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की हिमायत की. कैम्पस में तीसरे दिन भी छात्रों का प्रदर्शन जारी है जिनका कहना है कि उन्हें चुनिंदा तरीके से निशाना बनाया जा रहा है.देशद्रोह का मामला दर्ज किए जाने पर सवाल खड़े करते हुए कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने कहा कि यह एक बहुत गंभीर आरोप है और भाजपा को इसके तहत कार्रवाई करने से पहले सोचना चाहिए.