
दिल्ली नगर निगम (MCD) के चुनाव अगले महीने होने हैं। भले ही यह नगर निगम का चुनाव हो, लेकिन इस चुनाव की चर्चा जोरों-शोरों पर है। पिछले 15 सालों से एमसीडी पर काबिज भारतीय जनता पार्टी (BJP) इस बार भी जीत की पूरी तैयारी में है। दिल्ली नगर निगम का चुनाव मुख्य रूप से बीजेपी, आम आदमी पार्टी (AAP) और कांग्रेस (Congress) के बीच है। हालांकि पिछले 15 साल से बीजेपी ने नगर निगम का ताज सिर्फ अपने पास रखा है।
इस चुनाव के लिए आप और कांग्रेस ने अपने बेहतरीन उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है। इस बार मुकाबला त्रिकोणीय माना जा रहा है। कांग्रेस जहाँ केंद्र और दिल्ली की सत्ता से दूर है, वहीं आप विवादों में घिरी हुई है। वहीं अगर 2017 के पिछले एमसीडी चुनाव की बात करें तो मनोज तिवारी के नेतृत्व में बीजेपी ने शानदार प्रदर्शन किया था। इसके अलावा कांग्रेस की कमान अजय माकन (Ajay Maken) के हाथों में थी लेकिन पार्टी कुछ ही सीटों पर अपनी जीत हासिल कर पाई थी।
आपको बता दें कि दिल्ली नगर निगम के चुनाव में इस बार नया परिसीमन लागू किया गया है। जिससे वार्डों की संख्या कम हो गई है। पिछले चुनाव के समय दिल्ली में 272 वार्ड थे लेकिन अब नया परिसीमन लागू होने के बाद इन वार्डों की संख्या घटकर 250 रह गई है। जहाँ पहले दिल्ली नगर निगम तीन भागों में था, वहीं अब यह एक हो गया है। जिसके चलते एमसीडी में तीन मेयर के बजाय सिर्फ एक मेयर ही होगा। यह चुनाव 4 दिसंबर को होंगे। वहीं, मतगणना 7 दिसंबर को होगी। इस बार 1 करोड़ 46 लाख 73 हजार मतदाता वोटिंग में हिस्सा लेंगे। चुनाव ईवीएम से होगा। 104 सीटें महिलाओं के लिए और इतनी ही सीटें पुरुषों के लिए आरक्षित की गई हैं। इसके अलावा 42 सीटें अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित की गई हैं।