
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में कानपुर (Kanpur) के चौबेपुर क्षेत्र में चर्चित बिकरू कांड के मुख्य आरोपी विकास दुबे (Vikas Dubey) के एनकाउंटर (Encounter) में मरने के 38 दिन बाद उसकी पत्नी और बड़ा बेटा उसकी अस्थियों को लेने भैरव घाट (Bhairav Ghat) पहुंचे। घाट पर बने नगर निगम कार्यालय से मृत्यु प्रमाण पत्र की दर्ख्वास्त की, लेकिन कागजात पूरे न होने के चलते बिना मृत्यु प्रमाण पत्र लिए ही वापस लौट गए। 10 जुलाई को पुलिस एनकाउंटर में अपराधी विकास दुबे मार गिराया गया था। इसके बाद पोस्टमाटर्म की प्रक्रिया कर 10 जुलाई को ही विकास दुबे के अंतिम संस्कार के लिए पुलिस अभिरक्षा में कानपुर में बने भैरव घाट पर ले जाया गया था, जहां पर पहले से मौजूद विकास दुबे की पत्नी ऋचा व छोटा बेटा और उसके साथ विकास दुबे की मां मौके पर मौजूद थे। अंतिम संस्कार करने के तुरंत बाद पूरा परिवार लखनऊ के लिए रवाना हो गया था लेकिन ठीक 39 दिन के बाद विकास दुबे की पत्नी ऋचा व बड़ा बेटा आकाश कानपुर पहुंचे और वहां से सीधे भैरव घाट पर गए, जहां पर विकास दुबे के अस्थि कलश को प्राप्त किया।