उद्योगपति विजय माल्या को भेजे गए नोटिस में शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने कहा है कि मेरठ के कंकरखेड़ा में जो फैक्टी चल रही है वह वक्फ की जमीन पर है। नोटिस में बताया गया है कि 10 बीघा 72 बिसवा जमीन लाला हंसराज व उनके परिवार के सदस्यों से खरीद कर शराब की फैक्ट्री चलाई जा रही है। यह जमीन स्व. सैयद मोहम्मद निवासी अब्दुल्लापुर मेरठ की ओर से 26 अप्रैल 1918 को वक्फ के नाम की जा चुकी है। 20 अप्रैल 1937 को यह जमीन लाला हंसराज को 50 साल की लीज पर दी गई थी। बोर्ड ने अपने आदेश में कहा है कि उक्त लीजडीड वक्फनामे के अनुसार गलत थी। लीज की मुद्दत जोकि 50 साल निर्धारित की गई थी वो भी खत्म हो गई है। नोटिस में बताया गया है कि अधिनियम 1955 की धारा 51 के अंतर्गत वक्फ संपत्ति का क्रय विक्रय अवैध है और दंडनीय अपराध की श्रेणी में आता है।
मेरठ में शराब फैक्ट्री के लिए वक्फ की जमीन खरीदने में लिकर किंग विजय माल्या फंसते नजर आ रहे हैं। जिस जमीन को खरीद कर माल्या ने यूनाइटेड स्प्रिट प्राइवेट लिमिटेड नाम की फैक्ट्री डाली है सेंट्रल शिया वक्फ बोर्ड ने उसे वक्फ की जमीन बताया है। बोर्ड ने जांच के बाद माल्या की ओर से खरीदी गई 10 बीघा 72 बिसवा जमीन को अवैध बताते हुए 10 अगस्त को लखनऊ स्थित कार्यालय में कागजातों के साथ तलब किया है। इस संबंध में माल्या के बेंगलुरु व दुबई के स्थाई पतों पर नोटिस भेज दिया गया है।